लेखनी कहानी -24-Nov-2021साथी
तेरे आने से फूलों जैसी ।
खिल रही हूँ मैं।
तेरे संग जीवन की खुशियाँ।
तुझ से खिली फूलों की बगिया।
तेरी सूरत सूरज जैसी।
सूरजमुखी बन गयी हूँ मै।
तेरे से मेरी आस है।
आस का दीपक बन गयी हूँ मैं।
तेरी चमक से पीतांबर रंग मे।
रंग गयी हूँ मैं।
तेरे से मेरा जीवन है।
नहीं तो मर जाऊँगी मैं।
तेरी राहें जहाँ जहाँ ।
वहीं मेरी राह बन जाएगी।
तु साथ है तो भंवर से भी।
जिन्दगी बच निकल जाएँगी।
Zakirhusain Abbas Chougule
24-Nov-2021 11:34 PM
Nice
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Pratikhya Priyadarshini
24-Nov-2021 10:10 PM
Wonderful
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Niraj Pandey
24-Nov-2021 09:00 PM
बहुत खूब
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